Jaipur Jangleshwar Mahadev: सावन में शिव भक्तों के द्वारा सोमवार के व्रत रखे जा रहे हैं। बता दें कि जो भी सावन में सोमवार का व्रत रखता है। उसका व्रत तब ही पूरा माना जाता है, जब तक वो मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करके उनकी पूजा नहीं कर लेता है। इसके साथ ही सोमवार व्रत के दिन पंचामृत का भी अभिषेक किया जाता है।
कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने बताया था कि वैसे तो सभी शिव मंदिर का महत्व होता है। चाहे वो अभी ही बना हो, लेकिन सालों पुराने मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है। और सावन में तो इन प्राचीन मंदिरों का महत्व ओर अधिक बढ़ जाता है।
सावन में प्राप्त करें जंगलेश्वर महादेव की कृपा
राजस्थान की चार दीवारों के अदंर मौजूद जयपुर का एक ऐसा मंदिर जो बनीपार्क में स्थित है। जिसको जंगलेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में दो द्वार बने हुए है, जिसमें एक द्वार एमआई रोड़ की तरफ निकलता है। वहीं दूसरा द्वार कांती चंद्र रोड की ओर जाता है। वहीं बता दें कि इस मंदिर को लेकर श्रृद्धालुओं की आस्था और विश्वास जुड़ा हुआ है। अन्य दिनों की तुलना में सावन महीने में इस मंदिर में भक्तो की भीड़ ज्यादा देखने को मिलती है।
जंगलेश्वर महादेव की मान्यता
आपने मां पार्वती और महादेव मंदिर देखे होगें या फिर उनके बारे मे सुना होगा कि मां पार्वति या महादेव को एक साथ एक ही प्रतिमा में हैं। लेकिन कभी आपने हनुमान जी और महादेव को साथ में एक ही प्रतिमा के में देखा है। राजस्थान में ऐसा केवल एक ही मंदिर है, जो महादेव और हनुमान जी को समर्पित है।
इसको लेकर स्थानिय लोगों की मान्यता है कि इस मंदिर में सावन में पूजा करने से हनुमान और महादेव दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस मंदिर में जो भी अपनी मनोकामना लेकर जाता है, उन सभी की इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
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