Khairadi Mahadev Temple: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के खैराड़ी गांव में स्थित खैराड़ी महादेव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसे पांडवों ने अपने वनवास के दौरान बनवाया था। खास बात यह है कि इस मंदिर में पिछले 30 सालों से अखंड ज्योत जल रही है। यह मंदिर बनेठा उप तहसील मुख्यालय से ककोड़ गांव को जोड़ती अरावली पर्वतमाला की कर्कोटक नामक पहाड़ी के नीचे फतेहगंज गांव के पास स्थित है। पहाड़ी के नीचे तालाब की पाल पर बना यह मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है।
दूर होते हैं चर्म रोग
मान्यता है कि खैराड़ी महादेव मंदिर के पास मौजूद तालाब और कुएं में स्नान करने से सभी चर्म रोग दूर हो जाते हैं। इसी धारणा के कारण मंदिर में त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या के खास मौके पर दूर-दराज से लोग तालाब में स्नान करने आते हैं। माना जाता है कि महादेव शिवलिंग महाभारत कालीन है। इसकी स्थापना पांडवों ने वनवास के दौरान की थी।
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सावन माह में होती है खास पूजा
शिव स्थल के पास स्थित पहाड़ी की तलहटी से करीब 1800 साल पुराना खैराड़ी गांव था, जहां स्थित एक पहाड़ी की गुफा में एक संत ससंघ तपस्या करते थे। मंदिर के समीप वामन माता धाम, पांडव शिला, पक्का बांध, गुप्त संत गुफा और प्राचीन शिलालेख स्थापित हैं। इस मंदिर में हर साल सावन के महीने में भक्त दूर दूर से शिवलिंग पर जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। साथ ही इस दौरान हर सोमवार को भक्त मंदिर के तालाब और कुएं में स्नान कर विशेष पूजा अर्चना करते हैं।
मांगी गई हर मनोकामना होती है पूरी
खैराड़ी महादेव मंदिर में भक्तों द्वारा मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। देश-विदेश से भक्त यहां भगवान शिव को प्रसन्न करने आते हैं। शिवरात्रि के अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में उमड़ती है।