Jaipur Diwali 2025: राजस्थान की राजधानी जयपुर में दिवाली की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। बाज़ारों और मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। इस साल दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस खास मौके पर देश भर के प्रमुख मंदिरों में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए, झांकियों (दर्शन) के समय में बड़े बदलाव किए गए हैं।
जयपुर के गोविंद देव मंदिर ने भी श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन की सुविधा हेतु एक नया कार्यक्रम लागू किया है। ये संशोधित समय केवल दिवाली (20 अक्टूबर) के लिए ही मान्य होंगे। श्रद्धालु पूरे दिन भगवान के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन कर सकेंगे।
दिवाली पर विशेष दर्शन समय
मंदिर प्रबंधन द्वारा जारी नए कार्यक्रम के अनुसार, श्रद्धालु दिन भर में निम्नलिखित समय पर झांकियों के दर्शन कर सकेंगे:
झांकी का नाम, समय विशेष जानकारी
मंगला झांकी: सुबह 4:00 बजे से 6:30 बजे तक यह दिन की पहली झांकी है, जो श्रद्धालुओं को ब्रह्म मुहूर्त में दर्शन का अवसर प्रदान करती है।
धूप झांकी: सुबह 7:00 बजे से 9:00 बजे तक। इस दौरान भगवान को धूप और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं।
श्रृंगार झांकी: सुबह 9:30 बजे से 10:15 बजे तक। भगवान के विशेष श्रृंगार के बाद दर्शन होते हैं। यह झांकी थोड़े समय के लिए खुली रहेगी।
राजभोग झांकी: सुबह 10:45 बजे से 11:45 बजे तक। यह दोपहर की मुख्य झांकी है, जिसमें भगवान को राजसी भोग लगाया जाता है।
ग्वाल झांकी: शाम 4:45 बजे से 5:15 बजे तक। यह शाम की झांकी थोड़े समय के लिए खुली रहेगी।
संध्या झांकी: शाम 5:45 बजे से 7:30 बजे तक आयोजित होने वाली यह शाम की झांकी भक्तों के लिए सबसे महत्वपूर्ण दर्शनों में से एक है।
शयन झांकी: यह दिन की आखिरी झांकी है, जो रात 8:00 बजे से 8:15 बजे तक होती है, जो दिन के दर्शन के समापन का प्रतीक है।
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से की अपील
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से समय-सारिणी के अनुसार मंदिर परिसर में आने और भीड़ को नियंत्रण में रखने में सहयोग करने की अपील की है, ताकि सभी श्रद्धालु शांतिपूर्वक दर्शन कर सकें।