Rajasthan Smartphone User: राजस्थान के 6.50 करोड़ मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। सभी मोबाइल उपभोक्ताओं को जल्द ही उनके मोबाइल फोन पर एक नई सुविधा मिलने वाली ह, जिससे की स्कैन कॉल्स और साइबर फ्रॉड की पहचान एक झटके में संभव हो जाएगी। ऐसे में आपके अकाउंट के बैलेंस सुरक्षित रहेंगे और कोई भी साइबर ठग आपको निशान नहीं बन सकेगा, तो चलिए बताते हैं साइबर क्राइम ब्रांच ने राजस्थान के मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए क्या अच्छी खबर दी है। 

हरियाणा में पूरा हुआ इसका ट्रायल 

दुरसंचार विभाग के लगातार प्रयास के बाद यह फैसला किया गया है कि अब आपके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आने पर मोबाइल स्क्रीन पर आपको वही नाम दिखाई देंगे, जो कि व्यक्ति ने सिम कार्ड लेते समय अपने पहचान पत्र में दर्ज कराया था। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण और दूरसंचार विभाग ने कॉलिंग नंबर आइडेंटिफिकेशन को लेकर पूरे प्रदेश में यह तैयारी कर ली है, हरियाणा में इसका ट्रायल पूरा भी हो चुका है।

निजी एप्लीकेशन का इस्तेमाल से बचेंगे

गौरतलब है कि जो भी मोबाइल नंबर हमारे फोन में सेव नहीं होते हैं। उसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हम ट्रूकॉलर जैसे निजी मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते हैं और यह ऐप अपने डेटाबेस के आधार पर नाम दिखाते हैं, जो कि कई बार गलत साबित हो जाते हैं और लोगों के साथ धोखा हो जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए दूरसंचार विभाग ने फैसला किया है कि अब आपके मोबाइल फोन पर वही नाम दिखेंगे जो कि सिम कार्ड लेने के लिए इस्तेमाल किया गया था। 

किन मोबाइल उपभोक्ताओं को मिलेगी ये सुविधा

बताया जा रहा है कि सिर्फ 3G, 4G और 5G इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को ही इसका लाभ मिल पाएगा, क्योंकि 2G मोबाइल सेवा से जुड़े यूजर्स का डाटाबेस सिस्टम को सपोर्ट नहीं कर पाएगा। विभाग के फैसले से स्कैन कॉल्स और साइबर फ्रॉड की पहचान हो पाएगी और निजी एप्स के जरिए डाटा लीग भी नहीं होगा। इस नई सुविधा को जल्द ही शुरू करने की तैयारी है।