NEET UG Success Story: मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले 20 लाख से अधिक उम्मीदवारों में राजस्थान के कई छात्रों ने झंडा गाड़ा है। हनुमानगढ़ के महेश कुमार ने ऑल इंडिया रैंक वन हासिल करके राजस्थान का नाम रोशन किया। राजस्थान के कई ऐसे भी विद्यार्थी हैं जिन्होंने बेहद गरीबी में जीवन में जीकर सफलता हासिल की है। ऐसा ही एक नाम बालोतरा जिले के श्रवण कुमार भी हैं, जिन्होंने मजदूरी करके पढ़ाई की और अब नीट परीक्षा को उत्तीर्ण किया है।
कौन है श्रवण कुमार?
बालोतरा जिले के बायतु इलाके में रहने वाले रेखाराम बेहद गरीब हैं और संघर्ष भरी जिंदगी जीते हैं। लेकिन अब शायद उनकी जिंदगी बदल जाएगी क्योंकि उनके बेटे श्रवण कुमार ने नीट यूजी परीक्षा में 700 में से 556 अंक प्राप्त किए और ऑल इंडिया में 9754 रैंक हासिल की है। यानी अब वो अपने डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर सकेंगे।
पिता शादियों में धोते हैं बर्तन
श्रवण कुमार के पिता रेखाराम लोगों के घरों में होने वाली शादियों में बर्तन धुलने का काम करते हैं। इस परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि रहने के लिए पक्का घर भी नहीं है। श्रवण की मदद बाड़मेर की फिफ्टी विलेजर्स नामक संस्था ने की है।
पढ़ाई के लिए करनी पड़ी थी मजदूरी
श्रवण कुमार ने सरकारी विद्यालय से अपनी 10वीं. तक की पढ़ाई की, लेकिन उसके बाद श्रवण को आगे की पढ़ाई करने के लिए मजदूरी करनी पड़ी थी। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के दौरान ही श्रवण ने अपनी नीट की तैयारी की। अपने तीसरे प्रयास में श्रवण ने 700 में से 556 अंक प्राप्त कर 9754 रैंक हासिल की। सफलता के बारे में जानकार पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। श्रवण ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता- पिता, शिक्षकों और फिफ्टी विलेजर्स नामक संस्था को दिया है।