Ajmer News : शिक्षा विभाग द्वारा जारी सितंबर 2025 की ताज़ा रैंकिंग में अजमेर जिले की स्थिति में सुधार की बजाय गिरावट देखने को मिली है। जिले को पूरे प्रदेश में 14वां स्थान और 49.89 का स्कोर मिला है। रैंकिंग के मानकों में छात्र उपस्थिति, शिक्षण गुणवत्ता, नामांकन दर और खेल गतिविधियां शामिल हैं। रिपोर्ट बताती है कि अजमेर के किशनगढ़ ब्लॉक की स्थिति सबसे कमजोर है, जबकि श्रीनगर, अजमेर ग्रामीण और केकड़ी जैसे ब्लॉक अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षकों की कमी, डिजिटल संसाधनों की अनुपलब्धता और योजनाओं के क्रियान्वयन में सुस्ती जिले के शिक्षा स्तर को प्रभावित कर रही है।
इन मानकों पर तय होती है रैंकिंग
12 से अधिक मानकों पर शिक्षा विभाग रैंकिंग को तय करती है। जिसमें शिक्षण गुणवत्ता, नामांकन वृद्धि, पीटीएम उपस्थिति, छात्र उपस्थिति, खेल मैदान विकास और ड्रॉप आउट दर प्रमुख हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जिले की रैंकिंग को देखते हुए कहा कि शिक्षा सुधार की गति धीमी है। जिले में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों में कमी देखी गई है। डिजिटल उपकरणों की सुविधा उपलब्ध नहीं है। आईसीटी लैब का संचालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है इसके लिए स्टाफ की कमी भी सामने आई है।
चूरू जिला रहा प्रथम स्थान पर
आपको बता दे की राजस्थान की शिक्षा रैंकिंग राजस्थान में चूरू जिले को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। सीकर जिले और झुंझुनू को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इस बार अजमेर टॉप 10 जिलों में भी शामिल नहीं हो पाया इसका स्कोर 49.89 रहा। अजमेर जिले में श्रीनगर ब्लॉक पूरे जिले में टॉप स्थान पर रहा दूसरे नंबर पर अजमेर ग्रामीण का स्थान रहा। केकड़ी 49.80 स्कोर के साथ तीसरे, पीसांगन 49.17 स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहा।
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