Jaipur Temple : जयपुर को लोग किले महलों और गुलाबी शहरों के लिए जाना जाता है। लेकिन जयपुर धार्मिक स्थलों में भी शुमार है। जयपुर में कुछ ऐसी आध्यात्मिक और रहस्यमयी धरोहरें भी छिपी हैं, जिनकी कहानियाँ सदियों से लोगों को हैरान करती आ रही हैं। यहां के मंदिरों में ऐसे चमत्कार छुपे है जो विज्ञान को भी हैरान कर देती है। फिर वो 12 मुखी का शिवलिंग हो, सामोद वीर बालाजी मंदिर जो स्वयं प्रकट हुए थे। ऐसे भी यहां मंदिर स्थित है जिसका सीधे जुड़ाव महाभारत काल से है। आईए जानते हैं इन मंदिरों के बारे में....
1.जोबनेर ज्वाला माता मंदिर: ज्वाला माता का मंदिर जयपुर से 50 किलोमीटर दूर जोबनेर कस्बे में बसा हुआ है। इस मंदिर में माता सती के घुटनों की पूजा की जाती है। पौराणिक काल में पहाड़ी पर गुफा में देवी की प्रतिमा का घुटना वाला भाग प्रकट हुआ था। जिसके बाद से ही यहां पर माता के घुटनों की पूजा होती है
2.12 मुखी शिवलिंग: भगवान शिव का यह प्राचीन मंदिर जयपुर से 85 किलोमीटर दूर पर स्थित है। इस मंदिर का जुड़ाव महाभारत काल से है । कहा जाता है कि इस मंदिर के शिवलिंग को पांचो पांडवों ने स्थापित किया था। शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 7 फिट है। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा शिवलिंग है जो 12 मुखी वाला है। जिसका वजन 6 टन है।
3.शाकंभरी माता मंदिर: माता का यह मंदिर जयपुर से 100 किलोमीटर दूर सांभर कस्बे में है। शाकंभरी माता के मंदिर से चमत्कार भी जुड़े हुए है। इस मंदिर से अनेकों मान्यताएं जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि जब काल पड़ी थी तब शंकर भारी माता ने लोगों को हरी साग सब्जियां देकर उनकी जान बचाई थी। जिस कारण से इन्हें शाकंभरी माता कहा जाता है।
4.सामोद वीर बालाजी मंदिर: पहाड़ों के बीच सामोद वीर बालाजी का मंदिर स्थित है जो जयपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूरी पर मौजूद है। भगवान हनुमान चट्टान में स्वयं प्रकट हुए थे। सामोद वीर बालाजी के दर्शन के लिए दूर दराज से हजारों भक्त प्रतिदिन आते हैं।
5.महामाया माता मंदिर; जयपुर से 48 किलामीटर दूर सामोद गांव में 700 साल पुराना एक महामाया मंदिर का मंदिर मौजूद है। इनको बच्चों का भी भगवान कहा जाता है। मंदिर में हर साल लाखों के तादाद में भक्त आते हैं।
6.मानसा माता मंदिर: यह मंदिर रूपाड़ी गांव में जयपुर शहर से 55 किलोमीटर दूर स्थित है। 700 साल पुराना मनसा माता मंदिर स्थित है। चमत्कारी माता के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि प्राचीन समय में चोर डाकू लुटेरे इस मंदिर के दर्शन के लिए आते थे। मनसा माता का मंदिर पहाड़ी के बीच में गुफा में स्थित है जहां दर्शन के लिए पहाड़ी पर कई सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।