Baiji Mandir: माना जाता है धन की देवी मां लक्ष्मी का जन्म फाल्गुन पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन के दौरान हुआ था। इस दिन को लक्ष्मी जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान लोग मां के लक्ष्मी के मंदिर जाकर मां को भेंट चढ़ाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन जो भी भक्त श्रद्धा पूर्वक विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करता है। उसके घर में सर्व सुख प्राप्त होते हैं। आज इस लेख में हम आपको राजस्थान की राजधानी में स्थित इस प्राचीन मंदिर के बारे में बताने वाले जहां लक्ष्मीनारायण के साथ शिव पार्वती की भी मूर्ति स्थित है।  

पिंक सिटी का प्राचीन मंदिर 

पिंक सिटी जयपुर का बाईजी लक्ष्मी मंदिर राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। जयपुर की स्थापना के दौरान महाराजा जयसिंह ने एक मीणा सरदार भवानी राम मीणा को यहां के खजाने की रक्षा की जिम्मेदारी सौंपी थी। वास्तु के मुताबिक शहर में तीन चौपड़ का निर्माण कराया था। इन चौपड़ों पर मां दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के यंत्र तैयार किए गए थे।

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बता दें कि छोटी चौपड़ पर मां सरस्वती का अनमोल यंत्र स्थापित किया गया था। इस यंत्र की जिम्मेदारी पुरानी बस्ती के पुजारी विद्वानों को दी गई थी। साथ ही मां दुर्गा का यंत्र को रामगंज चौपड़ पर स्थापित किया गया था।  इस क्षेत्र योद्धाओं को निवास के लिए दिया गया था। महालक्ष्मी का यंत्र जयपुर की बड़ी चौपड़ पर स्थापित कराया गया था। कुछ साल बाद यहां शिखरबंध मंदिर का निर्माण कराया गया। सरदार भवानीराम की बेटी बीचु बाई द्वारा लक्ष्मीनारायण के भव्य मंदिर का निर्माण कराया था। इसलिए इस मंदिर को बाईजी मंदिर के नाम से जाना जाता है। 

मंदिर से जुड़ी खास बातें 

इस लक्ष्मीनारायण मंदिर का निर्माण दक्षिणी स्थापत्य कला का अनूठा नमूना है। मंदिर के ऊपर लगभग 70 फीट के चार शिखर बने हुए हैं। उस दौरान जयसिंह राजदरबार के ज्योतिष पंडित जगन्नाथ शर्मा द्वारा महालक्ष्मी की मूर्ति को मंदिर में स्थापित कराया था। मंदिर की खास बात यह है कि यहां लक्ष्मीनारायण के साथ नांदिया पर सवार भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा भी स्थित हैं।